हमारे शरीर कई तरह के केमिकल रिएक्शन होते हैं। शरीर के सभी अंगों को चलाने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है। मेटाबॉलिज्म भोजन से एनर्जी बनाकर उसे शरीर के अंगों को प्रदान करता है। मेटबॉलिज्म प्रतिक्रिया के समय शरीर में क्रिएटिनिन बनाता है। हर व्यक्ति के शरीर में अलग-अलग क्रिएटिनिन लेवल हो सकता है। इसका लेवल लिंग, आयु, मांसपेशियों की बनावट और सेहत के अन्य कारकों पर निर्भर करता है। इसका लेवर हाई और लो होने से शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती है। इसके स्तर में गिरावट की वजह से मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है। लेकिन डाइट में बदलाव आप क्रिएटिनिन के स्तर को कम किया जा सकता है। डायटीशियन विनीत कुमार के अनुसार क्रैनबेरी के जूस से आप क्रिएटिनिन के स्तर को कम कर सकते हैं। आगे जानते हैं क्रैनबरी जूस से शरीर के क्रिएटिनिन लेवल पर क्या प्रभाव पड़ता है।
क्रैनबेरी के जूस से क्रिएटिनिन के स्तर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
क्रैनबेरी जूस में पोटेशियम बहुत कम होता है, जिन लोगों को बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होता है, उनको क्रैनबरी जूस पीने की सलाह दी जाती है। क्रैनबेरी जूस किडनी के फंक्शन को इम्प्रूव करता है। जिन लोगों में किडनी की समस्या होती है, वह भी क्रिएटिनिन के लेवल को कम करने के लिए क्रैनबेरी का जूस पी सकते हैं। आपको बता दें कि क्रिएटिनिन के स्तर में बढ़ोतरी की वजह से किडनी में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। क्रैनबेरी जूस शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायक होता है। इससे किडनी पर पड़ने वाला दबाव कम होता है और इससे क्रिएटिनिन के स्तर में भी गिरावट आने लगती है।
शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर कितना होना चाहिए?
बुजुर्गों में क्रिएटिनिन का स्तर बेहद कम होता है, इस वजह से उन्हें मांसपेशियों से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। वहीं क्रिेटिनिन का लेवल जब ज्यादा बढ़ जाता है, तो इससे किडनी रोग या रेस्पिरेटरी डिजीज होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, क्रिएटिनिन के स्तर में बढ़ोतरी से हार्ट डिजीज होने का खतरा भी बढ़ जाता है। पुरुषों में यह 0.9 से 1.3 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर व महिलाओं में 0.7 से 1.1 मिलीग्राम प्रति डीसीलीटर होना चाहिए। वहीं शिशुओं में क्रिएटिनिन का लेवल 0.2 मिलीग्राम प्रति डीएल तक होना चाहिए।
क्रिएटिनिन बढ़ने पर क्या होता है?
क्रिएटिनिन के लेवल में बढ़ोतरी होने से आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अधिक होने से शरीर में थकान, हार्ट बीट का तेज व अनियमित होना, सांस लेने में परेशानी, उल्टी और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत हो सकती है। इससे बचने के लिए आप डाइट में बदलाव कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें : शरीर में क्रिएटिनिन लेवल कितना होना चाहिए? जानें बढ़ने के नुकसान
यदि आपको क्रिएटिनिन के हाई लेवल के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो इन्हें अनदेखा न करें। इस तरह की समस्या को अनदेखा करने से आपको कोई गंभीर रोग होने का खतरा हो सकता है। अगर, आपको परेशानी अधिक हो रही है तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और अपना इलाज शुरू कराएं।
اكتشاف المزيد من ينبوع المعرفة
اشترك للحصول على أحدث التدوينات المرسلة إلى بريدك الإلكتروني.